Dr.Shalini Agam Hindi Poetess
तुमने कहा था
तुमने कहा था कि ........
दीप जले आओगे
चन्दा तले प्रेम-चिहं
माथे पर लेलोगे
सितारों का नेह जब लेगा
प्यार की बलाएँ
मेरी गिरी जुल्फों को
गालों से हटा दोगे
..........................पर हर रात की तरह
आज भी चौखट पर
रख आयीं हूँ दिया
उम्मीद जगी है कि तुम
अभी आओगे
टिमटिमाते ,जगमगाते
रात के साये में हम साया बन
लिपट-लिपट जाओगे.
उफ़ गयी ये निशा भी
भोर हो गयी
दीपक की लौ
मन के साथ बुझ गयी
बस इतना तो बता दे
ओ हरजाई
भुला दिया प्रिय तुमने मुझको
या ............................
तुम्हारे वहां
अब रात ही नहीं होती
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