खुशियों को जियो।उनका स्वागत करो, करो,अपने से नीचे वाले को देख कर संतोष करो कि उसकी जगह होते तो क्या करते ..दुःख
आतें हैं .........दुःख चले जातें हैं .......दोनों द्वार खोल कर रखो ........कि अगर कोई परेशानी ज़िन्दगी के भीतर दाखिल हो भी
गयी तो
शीघ्र ही पिछले रस्ते से ज़िन्दगी से बाहर खदेड़ देना ही असली जांबाजी है ..............
खुशियों की न कोई परिभाषा है न कोई तोल-मोल ...........बस महसूस करने की बात है ..........क्योंकि खुशियों के पास क्या ,
क्यों,किसके लिए,किसके पास,कौनसी,कहाँ ,जैसे पैमाने नहीं होते .............खुशियाँ नहीं हैं अभी ......तो क्या उसके सपने तो हैं
...............अरे हम वो सपने इतने दिल से देखेंगे ............इतने करीब से महसूस करेंगे की पूरी सृष्टि उन सपनो को पूरा करने में
जुट जाएगी ............. हमारी जिद के आगे उसे झुकना ही पड़ेगा ..........क्योंकि वो अपरम्पार ,वो परम सृष्टि भी मजबूर जो
जाएगी हमारे हिस्से की खुशियाँ हमें लौटाने को
.............और हमारी खुशियों की जिद के आगे उस असीम सत्ता को घुटने टेकने ही पड़ते हैं ........फिर जो ऊपर से रिम-झिम
खुशियों की बरसात होती है ........कभी अजमा कर देखिये .......उसमे सराबोर होकर नाचने न लग जाएँ तो कहना ......
आतें हैं .........दुःख चले जातें हैं .......दोनों द्वार खोल कर रखो ........कि अगर कोई परेशानी ज़िन्दगी के भीतर दाखिल हो भी
गयी तो
शीघ्र ही पिछले रस्ते से ज़िन्दगी से बाहर खदेड़ देना ही असली जांबाजी है ..............
खुशियों की न कोई परिभाषा है न कोई तोल-मोल ...........बस महसूस करने की बात है ..........क्योंकि खुशियों के पास क्या ,
क्यों,किसके लिए,किसके पास,कौनसी,कहाँ ,जैसे पैमाने नहीं होते .............खुशियाँ नहीं हैं अभी ......तो क्या उसके सपने तो हैं
...............अरे हम वो सपने इतने दिल से देखेंगे ............इतने करीब से महसूस करेंगे की पूरी सृष्टि उन सपनो को पूरा करने में
जुट जाएगी ............. हमारी जिद के आगे उसे झुकना ही पड़ेगा ..........क्योंकि वो अपरम्पार ,वो परम सृष्टि भी मजबूर जो
जाएगी हमारे हिस्से की खुशियाँ हमें लौटाने को
.............और हमारी खुशियों की जिद के आगे उस असीम सत्ता को घुटने टेकने ही पड़ते हैं ........फिर जो ऊपर से रिम-झिम
खुशियों की बरसात होती है ........कभी अजमा कर देखिये .......उसमे सराबोर होकर नाचने न लग जाएँ तो कहना ......
No comments:
Post a Comment