Sunday, March 17, 2013

Dr.Shalini Agam अपने क्रोध को पालना सीखो ,इसे सही वक़्त प़र ,सही situation में express करना सीखो,


अपने क्रोध को पालना सीखो ,इसे सही वक़्त प़र ,सही situation में express करना सीखो,
फालतू में अपनी energy waste करना सबसे बड़ी बेवकूफी है .... क्रोध करना है तो अपनी हीन भावना से करो ................चीखना -चिल्लना है तो अपने खोये आत्म-विश्वास प़र चिल्लाओ ......................अगर किसी को दूर करना है अपनी ज़िन्दगी से तो अपनी बे-वज़ह की मायूसी को दूर करो ...........क्यों ऊपर वाले को नाराज़ करतो जिसने सब कुछ दिया है .....फिर भी कभी thanks नहीं निकलता तुम्हारे मुंह से....... .

You are the only one who will love you just as you are, except for

God!

तुम जैसे हो .....वैसे ही खुद से प्यार करो ...........क्योंकि तुम सबसे ' स्पेशल ' हो ..............

जो लोग अपनी रिस्पेक्ट नहीं करते दुनिया भी उन्हें नहीं पूछती है,

एक छोटी सी बात .मगर एकदम सच्ची ,जब तुम खुद को ही पसंद नहीं करोगे तो कैसे उम्मीद करते हो कि

सामने वाला तुम्हे पसंद कल ले

हर पल अपने में ही कमियां खोजता रहना मैं एसा-मैं वैसा और चाहते ये हो की दुनिया कहे वाह -वाह

क्या

व्यक्तित्व है..........कितना सुंदर है............ ये कितना गुनी है ............ वगहरा -वगहरा
,
आईने में खुद को देखो और सराहो अपने आप को,

अपने कामो पर दृष्टि डालो और शाबाशी दो खुद को,

जब भी कुछ म्हणत से हांसिल करो तो अपनी हिम्मत खुद बढाओ .....................

'वाह मैंने ये कर दिखाया',

आत्म-प्रशंसा दूसरो के सामने चाहे मत करो,पर अपने लिए, अपनी ख़ुशी के लिए अकेले में तो कर ही

सकते

हो।
देखो कितना मनोबल बढेगा ,कुछ कर दिखने का हौसला,कठिन से कठिन परिस्तिथि में भी मुस्कुरा

कर

कुछ कर गुजरने का साहस..................

और हाँ क्रोध करना है तो खुद पर करना जब भी कोई नकारत्मक विचार आये

जब भी खुद को दूसरे से हीन समझो

झटक डालना अपने इस ख्याल को कि मैं अमुक व्यक्ति से कमतर हूँ ,


ये बात अलग है की अमुक व्यक्ति की खूबियाँ आपसे भिन्न हों ,क्योंकि इस सृष्टि मैं हर प्राणी एक दूसरे

से कुछ तो भिन्नता लिए होता ही है ,

अब गायक किशोर कुमार की क्रिकेटर धोनी से तुलना नहीं कर सकते............... न ही श्री आब्दुल

कलाम जी को ए .

.आर .रहमान से क्योंकि ऊपर वाले ने हर किसी को एक खास काबिलियत ,एक खास गुण से सुशोभित

किया किया है ,न ही सब प्राणी नैन-नक्श में सामान होतें हैं ,इसलिए खुद को स्पेशल समझो,सबसे

भिन्न

सबसे प्यारा सबसे न्यारा ,

क्योंकि तुम जैसे हो ................... वैसे ही प्रिय हो एकदम खास ,........एकदम अलग
/

जब भी गुस्सा आये ,झुझलाहट आये कि सामने वाला तुमसे किसी बात में श्रेष्ठ कैसे हो गया ?...............आगे

कैसे

निकल गया ? ..................


इस विचार को तुरंत निकाल फेंको ,और उस नकारात्मक विचार को जोर से क्रोधित होते हुए कहो कि ......."भागो

यहाँ से ,तुम् जैसे विचारों की मेरे इस सुंदर संसार में कोई स्थान नहीं मैं जो हूँ जैसा भी हूँ बहुत भला हूँ


बहुत विशेष हूँ . मेरी अपनी खासियत हैं ,अपनी विशेषताएं हैं और मुझे खुद से बहुत प्यार है" ...फिर देखना

इस इतराहत के साथ ही चेहरे पर कितनी खिलावट आएगी ,और आप आत्म-सम्मान से झूमते नज़र

आयेंगे

जब आत्म -विश्वास बढ़ता है तो हम जो भी करतें हैं उसमे सफलता मिलती जाती है और हम स्वेम में

कितने


प्रसन्न होतें हैं ज़रा आजमा कर तो देखिये दोस्तों ........

आपकी प्रतिक्रिया के इंतज़ार में आपकी अपनी डॉ शालिनी अगम ........







Let someone love you just as you are. As flawed as you might be, as unattractive as you might

feel, as unaccomplished as you might think you are; let someone love you just as you are. And let

that someone be you.

by

Dr. ShaliniAgam
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