Thursday, March 7, 2013

Dr.Shalini Agam

मैं बिटिया हूँ 


चाहती हूँ मैं भी पंख फैलाये नील गगन में उड़ना,चाहती हूँ मैं भी अपने 

हक की लड़ाई लड़ना ,चाहती हूँ मैं भी आशाओं से भरी झोली भरना 

,चाहती हूँ मैं भी "माँ "सांसे आज़ादी की लेना ,ओ भारत माता तुम भी 

तो माँ हो न ??????कभी भी न खोने दिया अपनी अस्मिता को कर 

दिया खाक मेरे इन दुश्मनों को .......सभी बुरे नहीं हैं माँ सभी कायर नहीं 

हैं माँ चाहती हूँ उनकी सरपरस्ती में हिम्मत रखना 

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