Sunday, March 17, 2013

yesssssss I feel proud to be an Indian .........


हाँ ! गर्व है मुझे भारतीय होने प़र
मुझे गर्व है अपनी हिंदी प़र,
अपने माथे की बिंदिया प़र,
हाथों की मेहँदी प़र,
खनखनाती चूड़ियों प़र,
अपने भारतीय आचार-विचार
और परम्परा प़र
धर्म-संस्कृति,भाषा-साहित्य
और सभ्यता प़र ,
जो बीज बोये मेरी  दादी -नानी
और माँ ने
मेरे भोले मन प़र ,
सम्मान और संस्कारों के
खुद भूखे रहकर
अतिथि का पेट भरने  के,
बड़ों को अपना- पन
और छोटों को प्यार देने के
अपनी जड़ों से बंधकर भी ,
ऊँची उड़ान भरने के,
शिक्षा का सही उपयोग करने के ,
जग में अपना हुनर दिखाने के,
तो क्यों ना कहूँ …?
कि हाँ ! गर्व है मुझे भारतीय होने प़र



3 comments:

  1. Awesome writes, really admire your writes......would like to have more books of this kind from you......Keep writing.....stay blessed........................thanks for these words.......Dr.Aggarwal

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