Sunday, March 17, 2013

Dr.Shalini Agam जनक-जननी को हार्दिक





जनक-जननी को हार्दिक


अपने जन्म -दिवस प़र माँ-पा को साभार


अपने भीतर खोजो .................... कौन है जो तुम्हे 





उकसाता है, प्रेरणा देता है नित नए संकल्पों की, 





संकल्पों को पूरा करने वाली शक्ति की ?


कौन है जो तुम्हे जगाता है,उठकर चलने का उत्साह 





देता है?





कौन है जो तुम्हे झिंझोड़ता है, सही -गलत का ज्ञान 





करता है?



कौन है जो रचता है मन में हर-पल कुछ नया, कुछ 





नवीन ,अनोखा ,सबसे अलग कुछ करने का हौसला?


और


कौन है जो तुम्हारे हारे हुए मन को देता है ,फिर से उठ 





खड़े होने का अदम्य साहस /


हाँ हम है ठीक तुम्हारे पीछे ,कूद पड़ो जीवन समर में 





,और हांसिल कर लो अपने हिस्से की जीत 



.....................





हाँ वो ही हैं तुम्हारे जनक और जननी .......


जो खुद हार कर भी जिताएंगे तुम को


तब ........मुस्कुराएंगे विजय प़र अपनी


डॉ.शालिनिअगम
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