Thursday, January 19, 2012

Dr.Sweet Angel Shubh Aarogyam Tip of the day




Namaste India,
I experience a light, the Supreme Light, the Supreme Soul who fills me... he 

recharges me... renews me... heals me... frees me... I am free... 

completely free... now I am at peace... I leave my mind in silence, as if I were 

floating on a sea of peace for a few minutes...

नमस्ते भारतवर्ष,


बस दो मिनिट आँखे बंद कीजिये .........और अपने चारों ओर एक प्रकाश अनुभव कीजिये 

.........दिव्य प्रकाश की आभा....चारों ओर से आपको घेरे हुए है .......धीरे-

धीरे उस दिव्य प्रकाश को अपने शरीर के भीतर प्रवेश करते हुए अनुभव कीजिये ...............और 

मन ही मन दोहराइए ......यह अलौकिक ,पवित्र .उर्जा जो मेरे भीतर भर 

चुकी है ,मेरे तन-मन को एक अनूठी ऊर्जा से भर रही है..........मुझे नव-जीवन प्रदान कर रही 

है..........मेरे रोग- शोक को नष्ट कर मुझे नयी स्फूर्ति से भर रही 

है...........मैं स्वतंत्र हूँ .मैं किसी बंधन  में   नहीं .........किसी का गुलाम नहीं............मेरे मन में 

पूर्ण शान्ति है ...........और इस सुखमय शान्ति के सागर में कुछ 

मिनिट गोते लगाते रहिये ..............कुछ पल इन्ही बातों को दोहराइए.........और महसूस 

कीजिये की आप बेहद हलके होकर सब चिंताओं से मुक्त हो चुकें हैं 

.......और जब आप आँखें खोलेंगे तो स्वं  को बेहद तरोताजा और प्रसन्न पाएंगे ..............इस 

विश्वास के साथ उठ जाइये कि आप पूर्ण रूप से स्वस्थ सुखी  व् शांत 

हैं  आज आप जो भी कार्य करेंगे उसमे सफलता आपकी निश्चित है...................




"Just Be"

If I want to be loved, I must be lovable. If I want to 

be respected, I must be respectable. If I want to be a 


friend, I must be friendly. If I want to be treasured, I 

must be a treasure. If I want to be honored, I must be 

honorable. If I want to be full of peace, I must be 

peaceful. If I want to be free, I must be free. If I want 

to be happy, I must be happy. If I want to believe, I 

must believe. And I believe in me. So I will just be


                        ~!~!~!~!~!~!~!~!~!



“But listen to me. For one moment 

quit being sad. Hear blessings 

dropping their blossoms 

around you.” 

सौजन्य से ....

डॉ.स्वीट एंजिल 

'शुभ आरोग्यं '

Shubh Aarogyam 

a spiritual Reiki healing & training center......


May yo u have all the joy your heart can hold, All the smiles a day can 
bring, All the blessings a life can unfold, May you have Gods best in 
everything. Wishing u a Happy life Shalini........

Shailendra Singh Excellent.

Ambika Aggarwal

‎3 tips to keep yourself stress free........1) dnt think bout ur past - dnt let the thoughts of past come into ur mind , if u wanna remember nything jst remember ur good memories , nd d mistakes so that u dnt repeat them again 2) dnt worry fr ur future - bcz future is so unpredictable ...... and 3) jst focus on ur present -bcz ur present wil bcm ur past ...n ur efforts in present will decide ur future ........so its jst ur present that u hav to keep in ur mind as simple as that!!!! ? 



Mary Dunlop ♥ Dr.Shalini :-) You're very welcome



Shirley Smith My heart is melting ...........love you Dr. Shalini

Linda Thompson SHIRLEY!!!!! I..HAVE..MISSED!!!...___YOU___ !!!!!!!!!!!!!!!!!!!! ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ ♥ !!!!!!!!!!!! Email me sometime?? Or call? I don't know if I have your correct phone number...which is why I haven't called (been WANTING TO, FOR SOOO LONG!! ) XO


Monday, September 5, 2011

Dr.Sweet Angel a story It is easier to criticize, but DIFFICULT TO IMPROVE!


- Hide quoted text -

It is easier to criticize, but DIFFICULT TO IMPROVE!


- Hide quoted text -
JUDGE YOURSELF! YOU ARE YOUR BEST JUDGE!!!
किसी को उपदेश देना उसकी गलतियाँ निकाल देना बहुत आसान होता है ,प़र दूसरों की गलती को सुधार देना या दूसरों के कार्य को सुधारने में उनकी मदद करना बहुत कठिन होता है .........
में आपको एक घटना बताती हूँ , ध्यान से पढेंगे तो पाएंगे की इस घटना के सभी चरित्र हमें अपने आस-पास ही मिल जायेंगे .
एक बहुत ही मेहनती व् गुणी युवक था ,अच्छी चित्रकारी कर लेता था ,उसके गुरु को उस प़र पूरा विश्वास था की ये नव-युवक एक दिन देश का नाम रौशन करेगा ,
देश-विदेशों में इसकी ख्याति फैलेगी , परन्तु वह नव -युवक स्वं प़र भरोसा कम करता था .उसमे आत्मविश्वास की बड़ी कमी थी ,जिस कारण वो जितनी उन्नति कर सकता था नहीं कर पा रहा था , उसे हमेशा दूसरों की तारीफ का इंतज़ार रहता था ,अगर किसी ने तारीफ की तो उसे अपना काम अच्छा लगता था और अगर कोई उसके किसी भी कार्य में नुख्स निकाल देता था तो उसका मनोबल टूट जाता था ,परेशान हो जाता था ,और किसी भी कार्य को करने से पहले अपना मन बना लेता था की अमुक कार्य जो वो करने जा रहा है या कर रहा है वो शायद अच्छा ना हो ,उसकी इस आदत से उसके गुरु भी परेशान ही चुके थे .
एक दिन उसके गुरु ने उससे कहा कि प्रशंसा पाने का इतना लोभ अच्छा नहीं,ना ही दूसरों की पसंद ना पसंद प़र निर्भर रहना ठीक है , खुद प़र भरोसा करो ,पहचानो अपनी योग्यता को, तभी जिंदगी में कुछ हासिल कर पाओगे ".प़र वह युवक नहीं समझा .
दूसरे दिन उसने एक {आयल पेंटिंग} तैल चित्र बनाना शुरू किया .बहुत उत्तम कलाकारी की , सुंदर रंग भरे , और ४-५ दिन के परिश्रम के पश्चात् एक खूबसूरत चित्र बनकर तैयार हो गया .
वह अपने चित्र को लेकर एक तंग गली के व्यस्त मोड़ प़र पहुंचा जो एक ओर से बंद थी , वहां ले जाकर उसने अपना चित्र रख दिया और साथ में एक तख्ती भी रख दी ,एक सूचना नोट के साथ कि " में एक नया -नया चित्रकार हूँ ,मेरे हाथ में अभी हुनर भी कम है , जिस भी व्यक्ति को मेरे चित्र में कही भी कोई गलती नज़र आ रही हो वो उस स्थान प़र एक 'x' चिन्हित कर दे " नीचे एक ब्रुश और रंग भी रख दिया और वहां से चला आया .
उसी दिन सायंकाल को वह अपनी कलाकृति को देखने पहुंचा तो अवाक् रह गया ,पूरा चित्र अनगिनत 'x' crosses से भरा पड़ा था ,और कुछ लोगों ने कटु आलोचनात्मक टिप्पणियां भी की थी . चित्रकार यह देख कर बहुत दुखी और निराश हुआ ,भागा-भागा अपने गुरु के पास पहुंचा और फफक कर रो पड़ा , आंसुओं से उसके गाल भीग गए ' मैं किसी काम का नहीं गुरूजी लोगों ने मुझे पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया है ,मुझे मर जाना चाहिए ,मुझे जीने का कोई अधिकार नहीं. मैं आपकी दी हुई शिक्षा का कोई मान न रख सका " .
गुरु ने उस सांत्वना देते हुए कहा कि जो तुम्हे ठीक लगा तुमने किया अब क्या मेरी एक बात मानोगे ....ध्यान से सुनो .'कल से एक बिलकुल वैसा ही दूसरा चित्र बनाओ ,उसी कि अनुकृति ,कोई फर्क मत करना और फिर जैसा मैं कहूँ करो .
युवा चित्रकार अपने गुरु के कहने प़र फिर से दूसरा चित्र बनाने में जुट गया और कुछ दिन बाद हुबहू वैसा ही चित्र बनकर तैयार हो गया ,वो गुरु के पास पहुंचा ..
चित्र देखकर गुरु मुस्कुराये और बोले बिना कोई प्रश्न किये मेरे साथ आओ ,और जैसा बोलूं अनुसरण करो ,गुरु अपने शिष्य के साथ उसके चित्र को लेकर उसी गली मेंपहुंचे और बिलकुल उसी पहले वाले स्थान प़र चित्र रख दिया ,और साथ में एक तख्ती भी ये लिख कर रख दी ..." महानुभाव , जिस भी किसी व्यक्ति को मेरे चित्र में कोई त्रुटी दृष्टिगत होती है तो कृपया नीचे रखे ब्रुश और रंगों से भरे बॉक्स कि मदद से इसे सही करने का कष्ट करें ".........
दोनों वहां से चले आये और शाम होने की प्रतीक्षा करने लगे ...... शाम को वहां पहुँच कर गुरु और शिष्य दोनों ने एक दूसरे की ओर देखा .उस चित्र प़र ना तो एक भी 'x' का चिन्ह था ना ही किसी ने कोई भी गलती सुधारने का प्रयास किया था , रंग और ब्रुश अनछुए ही पड़े थे ,अब उस व्यक्ति की समझ में सब कुछ आ गया था . .......

"BE YOURSELF because You aRe WONDERFUL The WAY YoU ARE'' ....

उसने चित्र वहीँ पड़े रहने दिया और अगले दिन फिर से 

जाकर देखा प़र उस प़र कोई निशान नहीं था ..इस तरह 

लगभग एक महीने तक वो चित्र वही रखा रहा ,प़र 

किसी भी शख्स ने उस छेड़ा नहीं ..चित्रकार अब बहुत 

खुश था.......................... अपने निर्णायक स्वं बनो और खुद प़र भरोसा रखो ....
Moral of the story:
It is easier to criticize, but DIFFICULT TO IMPROVE!
So don't get carried away or judge yourself by someone elses criticism and feel depressed...
डॉ.स्वीट एंजिल 

Sunday, September 4, 2011

Dr.Sweet angel Tip of the day

Namaste India‎~
║║╔║║╔╗ ║
╠╣╠║║║║ ║ ♥
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Start the day with deep breath.Inhale all the love and goodness of GOD.

Exhale the tears ,fears,and worries, think of new morning with a beautiful
smile.....
इसको इस तरह लो ,कि हम आराम से बैठें ,गहरी-गहरी श्वासें लेना प्रारंभ करें एक की गिनती
से ११ तक ....उसके बाद बारहवीं श्वांस थोड़ी हलकी १३ वीं
उससे भी हलकी फिर १४ -१५-१६ वीं -हलकी और हलकी १७-१८-१९-२०-२१ वीं तक आते -आते
एक दम हलकी ................धीरे-धीरे शांत व् हलकी साँसे
...........कहीं कोई तनाव या दबाब नहीं एक दम आराम से .......फिर मन को एकाग्र करें ,हर
श्वांस के साथ सोचें कि अंदर जाती सांस अपने साथ मेरे
भीतर शांति व् ईश्वर का ढेर सारा प्यार व् आशीर्वाद साथ लेकर जा रही है ,मन मन ही मन
बुदबुदाएं हर सांस अपने साथ मेरे अंदर एक जीवन दायिनी
उर्जा लेकर जा रही है ,जिससे मेरे अंग,प्रत्यंग स्वस्थ व् स्फूर्तिवान हो रहे हैं ,शारीर में नव
चेतना और नव-शक्ति का संचार हो रहा है .......... हर भीतर
जाती सांस मेरे लिए नयी खुशियाँ , नए प्राण लेकर जा रही है .....
और हर जाती हुई श्वांस के साथ महसूस करें कि कि मेरे दुख-दर्द ,मेरी हर चिंता,हर फ़िक्र मन
के सारे डर सब बाहर निकल रहें हैं जैसे -जैसे श्वांस बाहर
छोड़ी साथ ही उसके हर गम,हर परेशानी भी बाहर छोड़ दी है .......बाहर आती श्वांस को को कहें
'कि मेरे शरीर के कार्बन -डाइ -अक्साइड के साथ -साथ
हर प्रकार का विकार ,और रोग भी बाहर आ रहा है ,में हर श्वांस के साथ विकार -रहित हो रहा
हूँ ,मेरे अंग-प्रत्यं से सारे विषैले तत्व बाहर आ रहें हैं ,मैं
स्वस्थ व् सुंदर हो रहा हूँ ,हर आती हुई श्वांस मुझे नईं प्रेरणा व् उत्साह दे रही है और जाती हुई
श्वांस मेरे जीवन के दुःख व् तकलीफें बाहर धकेल रही है
स्वस्थ हूँ ,मैं स्वस्थ हूँ, मैं स्वस्थ हूँ
`ை
(¯`v´¯) ღ ☼ღஜ love♥
`*.¸.*´
¸.•´. .¸.•*¨) ¸.•*¨) ღ ☼ light ♥
(¸.•´ (¸.•´ .•´ ¸¸.•¨¯`• ¸¸.•¨¯`•`ை ~ Blessings
डॉ स्वीट एंजिल 

dr.sweet angel Tip of the day


वो सुंदर नहीं थी ....
ना तो वो सुंदर थी ना ही उसमे कोई खास बात थी ..........एक बहुत ही आम सी लड़की ........जो भीड़ में गुम हो जाती थी ,जिसे एक बार देखने के बाद दोबारा देखने कोई इच्छा शायद ही किसी मर्द को होती हो ,जो किसी पुरुष को याद रहने वाली स्त्री नहीं थी .
७ भाई-बहनों के बीच गरीबी में पलने वाली एक साधारण सी लड़की थी वो.जिसने आभावों से घिरा बचपन बिताया था ,सबसे बड़ी होने के कारण माँ-बाप का सहारा बनने कि पूरी कोशिश की थी ,और अपनी इस कोशिश में वो पूरी तरह से सफल भी हुई थी . उसने विद्यार्थियों को पढाना प्रारंभ किया. धीरे-धीरे वो अपने विद्यार्थियों की चहेती टीचर बन गयी. पर उन सब स्टुडेंट्स में से एक लड़का सबसे खास था .क्योंकि वो उस लड़की का चहेता छात्र था वो लड़की पढाई के साथ-साथ सिखाती कि कैसे जीवन की छोटी -बड़ी उलझनों से बचा जाये,छोटे -मोटे सभी कामों में उनकी मदद किया करती ,वो एक उत्तम दर्जे की सलाहकार व् मार्गदर्शक थी .गजब की अकलमंद और सच्ची दोस्त थी हर मुश्किल को चुटकियों में आसान कर देती
पर वो लड़की उस लड़के के प्रति आकर्षित होने लगी .उसे खुद ही पता नहीं चला की कब वो उस लड़के के प्यार में पड़ गयी .प़र कभी अपने मन कि बात उससे नहीं कह पाई ..कारण .......?
वो लड़का भी दूसरे पुरुषों कि तरह केवल शारीरिक सुन्दरता का दीवाना था .साधारण लड़की से उसे कोई लगाव न था
तभी उस लड़के के जीवन में एक बहुत ही आकर्षक लड़की आई ,बेहद खूबसूरत थी वो आसमान से उतरी परी की तरह .... बड़ी मासूम और भोली नज़र आती थी .लड़का उसको परी कहकर ही पुकारता था ..लड़का परी का दीवाना हो गया .उस प़र अपना समय और पैसे लुटाने लगा ..भविष्य कि चिंता छोड़ हर पल बस उसी के सपनो में खोया रहता ,
वो लड़की /टीचर उस परी के लिए क्या तोहफा लाना है,कौनसी ड्रेस गिफ्ट में देनी है,कैसे हर मुलाकात को स्पेशल बनाना है ....सब में उस लड़के कि मदद करती .
उस टीचर कि आँख के आंसू सूखते न थे ,उसने अपना दर्द अपने दिल में ही दफ़न कर दिया ,पागलों कि तरह उस लड़के को चाहने वाली उस टीचर ने अपने प्यार को खुश रखने के लिए अपनी खुशियों कि बलि चढ़ा दी ,प़र उफ़ न की..लड़का उसके प्यार को कभी न समझ पाया .
लेकिन एक दिन जब लड़के ने अपनी परी को किसी दूसरे मर्द की बांहों में देखा जो उससे कही ज्यादा अमीर था ...तब उस लड़के की तो जैसे पैरों तले ज़मीन ही निकल गयी .सच्चाई जानने के बाद उसे परी से नफरत होने लगी . वो भीतर तक टूट गया .उसकी इस हालत प़र उस टीचर को बेहद तरस आता .वो हर प्रकार से उस लडके का ख़याल रखती . कहतें हैं वक़्त हर ज़ख़्म का मलहम होता है .धीरे -धीरे वो लड़का भी थोडा सामान्य होने लगा
फिर एक बार ऐसा समय आया की लड़का कही न कही उस साधारण सी टीचर का....... जो सुंदर नहीं थी ..... उस के आने का इंतज़ार सा करने लगा.
लड़के के मन में उस लड़की के प्रति एक अजीब सी ज़रुरत को महसूस किया था
प़र एक दिन वो लड़की/टीचर उससे मिलने न आई तो दो-चर दिन तो उसने इंतज़ार किया ,इधर जब वो लड़की काफी दिन तक उस लड़के से मिलने न आई तो इस दूरी ने उसे बेचैन कर दिया
जब समय अधिक होने लगा..... कई दिन बीत गाये तो वो लड़का उस लड़की/टीचर से मिलने उसके घर गया ,प़र घर प़र ताला लगा था .पड़ोसियों ने बताया की उसकी टीचर तो बहुत दिनों से अस्पताल में भर्ती है ..बहुत खतरनाक रोग हुआ है उसे.......लड़का जैसे आसमान से ज़मीन प़र गिरा जब उसने सुना की उसकी बेस्ट फ्रेंड ,उसकी मार्गदर्शक ,उसकी प्रेरणा बस कुछ ही दिन की मेहमान है ..उसकी टीचर को कैंसर है

इन दिनों उसने एक अनोखा सा आकर्षण महसूस किया था अपनी टीचर के प्रति,उसके प्यार को समझा था ,उसे जाना था ,और उसने ठान लिया था कि अब वो अपने मन कि बात उस प्यार से कह देगा जो हमेशा से मूक व् मौन समर्पण करता रहा और उससे कभी कुछ न कहा .
आज वो साधारण सी लड़की जो सुन्दर नहीं थी उस लड़के/पुरुष के लिए दुनिया कि सबसे सुंदर स्त्री बन चुकी थी
प़र बहुत देर हो चुकी थी ,वो जैसे ही अस्पताल पंहुचा लड़की आखिरी साँस भी ले चुकी थी ,उसकी आँखे अपने प्यार का रास्ता देखते -देखते दरवाज़े प़र लगी थी ............

She was the most beautiful girl in the world.
आज वो दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की थी
Look around.
Aren't there a lot of plain faces?
Take a good look.
A real good look or you might just miss out
that beautiful person.
इस लिए अपने चारों ओर देखो .और पहचानो असली सुन्दरता को ,कही बहरी सुन्दरता के पीछे तुम अपना सच्चा प्यार ना खो दो .वो सबसे खूबसूरत इंसान जो आपको दीवानों की तरह चाहता है
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(¯`v´¯) ღ ☼ღஜ love♥
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¸.•´. .¸.•*¨) ¸.•*¨) ღ ☼ light ♥
(¸.•´ (¸.•´ .•´ ¸¸.•¨¯`• ¸¸.•¨¯`•`ை ~ Blessings

डॉ स्वीट एंजिल